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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-27)






पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि आनंद जब अपने कमरे में जाता है तो पूरे कमरे में ही अंधेरा होता है वो पूछता है कि खुशी जी कहा है आप ,

अब आगे ,
आनंद - खुशी जी कहा है आप ?? ये रूम में अंधेरा क्यों है ....
( कोई आवाज नहीं आती है तो ...वो अंधेरे मे ही चीजों को पकड़ते पकड़ते ...सोफे पर जाकर पैर फोल्ड करके बैठ जाता है और कहता है )

आनंद - खुशी जी देखिए ..मै जानता हूं कि ये आपका काम है प्लीज़ लाइट ऑन करिए .......

( फिर से कोई जवाब नहीं आता है )
आनंद - मुझे अंधेरे से डर लगता है ...कुछ तो समझिए आप ...
( इस बार उसे पायलो की छन - छन की आवाज आती है तो .... आनंद दोनों कानो को बन्द कर लेता है और कहता है )
आनंद - मै आपको चुड़ैल कहता हूं.......पर इसका मतलब ये नहीं कि आप उसी की हरकते करोगे ....

( तभी उसके फेस पर खुशी लाइट करती है और कहती है )
खुशी - ( धीरे से ) तो मै आपको चुड़ैल लगती हूं ....

( आनंद रोशनी की वजह से उसका फेस देखता है ...खुशी ने लाल रंग की छोटी बिंदी और होठो पर सुर्ख लाल की लिपस्टिक लगाई होती जिसमे वो बहुत ज्यादा ही खूबसूरत लग रही होती ...तब आनंद उसे देखते हुए कहता है)

आनंद -( 😍) रोशनी है मेरी .......
खुशी -( बड़ी बड़ी आंखें करके ) ये ... रोशनी ... रोशनी कौन है ??

( भागकर लाइट ऑन करती है और खड़ी होकर आनंद को देखने लगती है ) 
आनंद -( खड़े होते हुऐ) अरे ये .....रोशनी मै ....

( खुशी ..आनंद को घूरते हुए ही  धक्का देकर सोफे पर लेटा देती है और फिर झुक कर कहती है ,)

खुशी - ये रोशनी आपकी गर्लफ्रेंड है ना ...???😕
आनंद -( अवाक होकर देखते हुए ) अरे मेरी बात तो .......
( बात को काटते हुए ) 
खुशी - हां .....आपकी गर्लफ्रेंड ही होगी ......वो देव पुराण तो आपको मिला ही है .....
आनंद -( हैरानी से ) आपको देव पुराण के बारे में कैसे पता ....
खुशी - देव भाई ने बताया ..आपने अपनी गर्लफ्रेंड को मनाने के लिए लिया है .......

( आनंद ....गुस्से में ही मन में सोचता है ( तुम नहीं बचोगे देव बेटा ....( दुखी चेहरा दिखाते हुए ) ये कैसी आग लगा दी है तुमने )
खुशी - अब आप क्या सोच रहे है ??.... मूझसे क्यों कि शादी ..अगर वो रोशनी ही चाहीए थी तो....
आनंद -( परेशान होकर ) अरे आप मेरी बात तो ......
खुशी -( झुंझलाकर) नहीं सुनना कुछ ....डैड भी तो किसी लड़की की बात कर रहे थे ...हां रोशनी ही बोल रहे थे ...
आनंद -( परेशान होकर ) बस करिए अब आप .......मेरी बात तो सुनिए ...
खुशी - मैंने कहा ना की मुझे नहीं सुनना ....

( फिर खुशी वहां से जाने के लिए उठती है तो आनंद अपनी  आंखे बन्द करता है और खुशी का हाथ खींच कर अपनी तरफ लेटा कर उसके गाल  पर किस कर देता है ......खुशी की आंखे खुली की खुली रह जाती है वो ........अपना हाथ धीरे धीरे छूडवाती है और भागकर बाथरूम मे चली जाती हैं ........ यहां सोफे पर ही लेटे - लेटे आनंद  कहता है ,)

आनंद - ये ......ये मैंने क्या किया ....( अपना फेस दोनों हाथो से पकड़ते हुए ) अब मुझे कोई नहीं बचा सकता ......

( खुशी बाथरूम से निकलती है और कहती है ) 
खुशी - सही कहा आपने ..की आपको कोई नहीं बचा सकता....
( आनंद सोफे पर ही बैठे बैठे खुशी को घूरने लगता है.....तो वो कहती है )

खुशी - ये जो आपने किया वो क्या था ...
आनंद - 🙄हां तो आपको शांत करने का मेरे पास बस यही एक तरीका था ....
( खुशी ... हंसते हुए अपने मुंह पर हाथ रखती है और फिर आनंद को गुस्से में देखते हुए कहती है )
खुशी -( गुस्से में )  तो क्या राह चलती हुई किसी भी लड़की को आप किस कर देंगे अगर वो आपसे दुखी होगी तो .......

( आनंद ...मुस्कुराता है और सोफे से उठकर अपना फोन लेकर जाने लगता है तो खुशी उसके सामने खड़ी होकर  कहती है )

खुशी - आप ...आप कहा जा रहे है ???
आनंद -( मुस्कुराते हुए ) अपनी रोशनी से मिलने .....

( खुशी बिना कुछ कहे उसके सामने से हट जाती है और बेड पर बैठकर अपना फेस  हाथो से ढककर रोने लगती है .......आनंद जैसे ही दरवाजा खोलने जाता है रोने की आवाज सुनकर ........भागकर खुशी के सामने नीचे बैठ जाता है और उसका हाथ फेस से हटाते हुए कहता है )

आनंद -( प्यार से ) खुशी जी .…..मेरी  ज़िन्दगी में कुछ लोग है जिनके आंखो मे आंसू नहीं देख सकता.....…और आप भी उनमें से ही एक है ......

( खुशी रोना रोक उसे देखने लगती है )

आनंद -( मुस्कुराते हुए ) मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है....😌हां बस एक 
.......
( खुशी फिर से रोना स्टार्ट कर देती है तो आनंद हंसते हुए कहता है )

आनंद - यार आप मेरे बच्चो को ऐसे रोतोलू मत बनाना ....
खुशी - बच्चे......
आनंद - ( हंसते हुए ) हां बच्चे...
खुशी - हां तो जाकर अपनी  रोशनी से कहिए ना ......🙄
आनंद -( खुशी के गालो को पकड़कर कहता है ) अरे मेरी चुड़ैल , चुहिया ,मेरी रोशनी और मेरी खुशी ......आप ही तो है मेरे बच्चो की मम्मी .😆

( खुशी हैरानी से देखने लगती है और अपना चेहरा तकिए से छुपा लेती है  ....)

आनंद - ( तकिया हटाते हुए ) खुशी जी ....मुझे पता है मैंने गलत किया ...आपसे अचानक से शादी करके ...वो भी आपके बिना परमिशन के ....और अब तो आपको .....

( आनंद पूरी बात भी नहीं कर पाता है  कि खुशी झुक कर उसके  लिप पर किस कर देती है .....और फिर उसके गले में हाथ डालते हुए कहती है )

खुशी - ( हंसते हुए ) उस रोहन को झेलने से अच्छा था ... मै आपको पूरी लाइफ झेल लू..........

( आनंद का तो पूरा दिमाग हिल गया होता है ...वो खुशी को दूर करते हुए कहता है )

आनंद - आप ....आप सच मे खुशी जी है ????
खुशी - ( कस कर पकड़ते हुए ) जी नहीं मै रोशनी हूं 😍😁......

( आनंद भी मुस्कुराकर खुशी को गोद में उठा लेता है और  बेड पर लेटाकर लाइट ऑफ कर देता है तो खुशी कहती है )
खुशी - ये ...आपने लाइट क्यों ऑफ कर दिया.....आपको तो अंधेरे से डर लगता है ना ...
आनंद -( मुस्कुराकर ) अब मेरी  रोशनी है मेरे साथ 
                                    तो डरने की क्या है बात 
                                    अगर अंधेरा आयाएगा तो 
                                   शायद पड़ेगा उसे आपसे 
                                     मुक्का - लात

( और फिर खुशी के माथे को चूम लेता है और उसे बाहों में लेकर सो जाता है…... आधी रात में उठकर बोलता है )

आनंद -( खुशी को उठाते हुए) आप मुझसे प्यार करती है ?
खुशी -( आनंद को पकड़े हुए ही) हां ...
आनंद - तो आई लव यू कौन कहेगा मैडम ....

( खुशी उठकर बैठ जाती है और बीच मे तकिया रख कर कहती है 😏प्रपोज तो किया नहीं ...और आई लव यू सुनना है ......अब दूर रहना......फिर दूसरी साइड फेस करके सो जाती है )

आनंद -( सर पर हाथ रखकर) गधा हूं मैं... दुनिया का सबसे बड़ा वाला ......
( खुशी मुस्कुराते हुए ही सो जाती है )


***********
दूसरी तरफ 

अवनी गाना बन्द करके  स्टडी रूम की तरफ  जाती है जहां पर ऋषभ अपने मीटिंग में लगा होता है ... तभी दरवाजे पर रुक जाती है खुसुर - फुसुर की आवाज सुनकर ..…..पहले तो उसे लगता है कि मीटिंग चल रही है...पर सिर्फ एक लोग की आवाज आती है तो वो दरवाजा धीरे से खोल लेती है और  देखती है कि अनंत जी ..सामने की टेबल पर बैठे हुए है .......
ऋषभ - डैड आप यहां किसलिए आए है ??
अनंत - तो क्या मै यहां आ नहीं सकता.......?

( अवनी समझ जाती है कि आज फिर कोई प्रॉब्लम हुई है जिससे अनंत जी आए है )

ऋषभ - आपको जो काम है वो बताइए .....( अपना लैपटॉप उठाते हुए ) मुझे और भी बहुत काम है .....
अनंत - मुझे अवनी के बारे में बात करना है ....

( ऋषभ ...अवनी का नाम सुनते ही बैठ जाता है और दरवाजे की तरफ देखता है तो अवनी पिछे हो जाती है फिर ऋषभ कहता है )

ऋषभ - क्या बात करनी है आपको ?
अनंत - वो तुम पहले से जानते हो ...
ऋषभ - डैड फिर तो आप उसकी आशा ही छोड़ दीजिए........क्योंकि मै ऐसा कुछ भी नहीं करने वाला हूं .....
अनंत - तो ठीक है फिर ...मै वो करूंगा ..जो मै चाहता हूं ..
ऋषभ -( गुस्से में ) आपकी प्रॉब्लम क्या है ....आप मेरी लाइफ से दूर रहिए.......आई हेट यू मिस्टर अनंत कश्यप ...आई हेट यू सो मच ...
अनंत - जबसे उस लड़की से तुम्हारी शादी हुई है तुम ना कंपनी जाते हो ना ही किसी मीटिंग में .....
ऋषभ - ( गुस्से में आंखे बन्द करके 😡) आपका हो गया हो तो आप जा सकते है ......
अनंत -( बैग उठाकर) अभी तो मै जा रहा है पर मेरी बात को याद रखना ये सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज है और जिस काम के लिए हुआ है उसे पूरा करो और उस लड़की को डाइवोर्स दो .........वरना ..
ऋषभ -( टेबल पर हाथ पटककर  ) आप ..अभी इसी वक्त मेरे घर से बाहर निकल जाइए ...वरना मुझे सिक्योरिटी गार्ड को बोलकर निकलवाना पड़ेगा ...........

( अवनी ...ऋषभ को ऐसी हालत में देखकर भागकर रूम मे चली जाती है और दरवाजा बन्द करके रोने लगती है और कहती )
अवनी -( रोते हुए )  ये सब मेरी वजह से हो रहा है 😧😧 इससे अच्छा तो मै इनकी लाइफ से ही चली जाऊं ....  पता नहीं ये डैड को क्या प्रॉब्लम है मुझसे ........

( तभी वो ऋषभ के आने की आवाज सुनती है तो कुण्डी खोलकर बेड पर जाकर कंबल ओढ़कर  लेट जाती है ......फिर ऋषभ आता है और अपना सामान रखकर बाथरूम मे चला जाता है.....थोड़ी देर बाद जब बाहर आता है तो देखता है कि  अवनी बेड पर नहीं है .....वो चारो तरफ देखता ....तो उसे अवनी बालकनी में खड़ी नजर आती है  वो बालकनी मे जाता और कहता है ,)
ऋषभ - आप यहां क्यों खड़ी... अंदर चलिए....
अवनी - कुछ नहीं बस ठंडी हवा लेने आईं थी ....
ऋषभ - ले लिया अब आपने.. तो चलिए ...
अवनी - मेरा मन नहीं ..आप जाकर सो जाइए ..
   
(ऋषभ जो आलरेडी गुस्से में होता है अपना गुस्सा शांत करते हुए कहता है )

ऋषभ - अवनी जी आप मेरी बात सुन लिया करे ..अगर मै कहता हूं तो ..
अवनी - मुझे कॉन्ट्रैक्ट के पैसे चाहिए .......

( अवनी के मुंह से कॉन्टैक्ट शब्द सुनकर ऋषभ को गुस्सा आ जाता है और वो अवनी का हाथ पकड़कर कहता है )

ऋषभ - ठीक है ...आपको सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट से मतलब है  ना तो चालिए ..अभी आपको सब देता हुए ...

( वो अवनी का हाथ खींचते हुए  लॉकर के पास ले जाता है और उसमें से पैसे निकालकर बेड पर फेंक देता है और कहता है )
ऋषभ - आपको जितना लेना है आप उतना ले लीजिए........
(  फिर ऋषभ रूम से बाहर चला जाता है तो अवनी वहीं बैठकर कहती है )

अवनी -( दुखी होते हुए ) कॉन्ट्रैक्ट भी तो आपने बनाया था ...तो उसमे मेरी क्या गलती ....

( फिर वो सारा पैसा लॉकर में रखकर बेड पर चली जाती है .......थोड़ी देर बाद ऋषभ खिचड़ी बनाकर लाता है रूम में ...तो देखता है कि अवनी सो रही है ......वो जाकर उसका फीवर चेक करता है और बिना खाए ही वो भी सो जाता है अवनी का हाथ पकड़कर ........

*********

अगली सुबह.....अवनी की आंख खुलती है तो देखती है कि ऋषभ उसका हाथ पकड़े हुए सो रहा है .....वो मुस्कुराते हुए धीरे से उठती है और बैठकर ऋषभ को देखने लगती है तो ऋषभ कहता है ,
ऋषभ - ( आंखे बंद किए ही ) अगर आप मुझे ऐसे ही देखती रही तो मुझे डर है कि आपको मुझसे ......
( बात काटते हुए )
अवनी - नहीं होगा प्यार मुझे आपसे ....और क्यों करूंगी .....वैसे भी ये सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज है ....

( ऋषभ ...अवनी का हाथ छोड़ देता है और सीधे बेड से उठकर ...बाथरूम मे चला जाता है )

अवनी - क्यों भाग रहे है ..... कॉन्टैक्ट तो आप ही लाए थे तो बस मै वहीं फ़ॉलो कर रही आपका रूल ......

( अंदर ऋषभ गुस्से में एक मुक्का मारता है बाथरूम के दरवाजे पर  तो ....अवनी घबराकर रूम से बाहर चली जाती है ....वो नीचे ही फ्रेश होकर बाहर आती है तो देखती है कि ऋषभ अकेले ही ब्रेकफास्ट कर रहा है ....)

अवनी - ये क्या ....आप अकेले क्यों खा रहे ??अपना रूल भूल गए क्या ....

( ऋषभ खाना रोककर अवनी की तरफ देखता है जो उसे फूल स्माइल के साथ  देख रही होती है ...... वो अपना बैग लेता है और कंपनी के लिए निकल जाता है......)
अवनी - इन्हे पूरी ज़िन्दगी नहीं समझ पाऊंगी 🙄.......

( अवनी फिर अकेले ही ब्रेकफास्ट करती है और घर में  घूमने लगती है ...क्योंकि अभी घर पूरा खाली होता है .....वो खुश हो जाती है और तय करती है लाइब्रेरी जाने के लिए ....सीढ़ियों से चढ़ते हुए 3 मंजिल पर पहुंचती  तो लेफ्ट साइड के कमरों को देखने लगती है ...तो कहती है )

अवनी - आज कोई नहीं तो ( खुश होकर ) चलो आज इस कमरे का रहस्य फाइंड कर ही लेती ही .....
( वो मुस्कुराते हुए कमरे की तरफ जाने लगती है तो उसे कार की आवाज आती है ..वो आंखे बड़ी करती है और और भागते हुए हॉल की सीढ़ियों के पास खड़ी हो जाती है......सामने ऋषभ दरवाजा खोलकर आता है तो उसकी नजर सीधे अवनी पर जाती है जिसके माथे से पसीना बह रहा होता है और वो मुस्कुराकर उसे देख रही होती है ,)

ऋषभ - आप मैराथन करके आईं है क्या ? ये इतना  पसीना क्यों....
अवनी -( हैरानी से पसीना साफ करते हुए ) वो ...वो मै खाने के बाद रनिंग कर रही थी घर में ....

( ऋषभ ...बिना कुछ कहे रूम में जाता है और अपनी फाइल लेकर आता है तो अवनी  सीढ़ियों पर बैठी होती है .....)

ऋषभ - आप बोर हो रही है क्या ?

( अवनी उसकी तरफ देखकर मन में कहती है ... हाय इतनी फिकर है मेरी  इस खडूस को... पर  प्यार इजहार करने नहीं आता .....( गुस्से में देखते हुए 😡) मै भी नहीं करूंगी ..)

ऋषभ - क्या हुआ ??
अवनी - कुछ नहीं आप जाईए मै .आज लाइब्रेरी घूम कर आती हु ......
(ऋषभ ठीक है कहकर नीचे आ जाता है और मुड़कर कहता है )
ऋषभ - आप मेरे साथ ऑफिस चलिए.....
अवनी -( आंखे बड़ी करके ) क्या ...मै ...नहीं नहीं आप जाइए...
ऋषभ - मैंने कहा ना चलिए ....( धीरे से ) आपको घर में अकेला नहीं छोड़ सकता .....
अवनी - कुछ कहा ?
ऋषभ - हां मै कार में बैठा हूं ...आप आ जाइए ..इट्स मै ऑर्डर ...
( अवनी उह करके जाती है और ड्रेस चेंज करके कार में आकर बैठ जाती है ........रास्ते में दोनों शांत होते है तो अवनी कहती है )
अवनी - मुझे कल हॉस्पिटल जाना है परी के इलाज में लिए ...
ऋषभ - हां तो हम चलेंगे कल .....

( वो खुश हो जाती है और गाना ऑन करके सुनने लगती है ...सुबह से शाम तक अवनी ऋषभ के साथ ही ऑफिस में होती है .....ऋषभ अपनी मीटिंग में और अवनी हर डिपार्टमेंट का चक्कर लगाती है ..जो भी उसे देखता खुश हो जाता है ...तभी अवनी सामने से अनंत जी को आते हुए देखती है तो वहां से खिसकने कि कोशिश करती है पर अनंत जी उसे देख लेते है और रोक कर उसे एक रूम मे बुलाते है.......अवनी ...ऋषभ के ऑफिस की तरफ देखती है क्योंकि उसने कहा होता है कि उसकी परमिशन के कहीं नहीं जाना...पर वो मीटिंग में होता है ...अवनी फिर रूम में जाती है और कहती है )

अवनी - डैड ...आप आपने यहां क्यों बुलाया ?
अनंत -( चेयर पर बैठते हुए ) मुझे कुछ जरूरी बात करनी है ...
अवनी - जी कहिए ...
अनंत - ऋषभ से प्यार करती हो ?
(अवनी चुप हो जाती है और रात वाली बात याद करने लगती है )
अनंत - मैंने पूछा प्यार करती हो क्या ??
अवनी -( डरते हुए ) जी ..जी नहीं ...
अनंत -( खुश होते हुए ) फिर ठीक है ....अब जिस काम के लिए शादी हुई थी उसे पूरा करो और मेरे बेटे को डाइवोर्स दे दो ताकि मै उसकी कहीं और शादी करा सकु....

( अवनी उसे हैरानी से देखने लगती है ...अनंत  फिर पैसों कि गड्डी अवनी के सामने रख देता है और कहता है )

अनंत - मेरे बेटे की लाइफ से चले जाओ कॉन्ट्रैक्ट पूरा करके .........
( फिर वो उठकर वहां से चला जाता है ......अवनी उसे जाते हुए देखती है  और फिर आंखे पोंछ कर बाहर आ जाती है जैसे कुछ हुआ ही ना हो .....ऋषभ को बिना बताए वो ड्राइवर के साथ घर पर आ जाती है .......अपनी ड्रेस चेंज करती है और बेड पर लेटकर अनंत जी की बातो को सोचने लगती है .....)


********

दूसरी तरफ आनंद ..सबके पास घूम रहा होता है ....आइडिया के लिए कि कैसे प्रपोज करे .....खुशी उसकी ऐसी हालत देखकर बहुत खुश हो रही होती है .......तभी संजना कहती है ,
संजना - क्या हुआ भाभी ...😍 बड़ी खुश नजर आ रही है ...
( खुशी शर्मा कर भाग जाती है वहां से ....तो संजना कहती है )
संजना - ये भी पूरी अजीब है ...अभी तक तो मैंने कुछ कहा भी नहीं ...
विहान - पूरे दिन वेली बैठती हो कुछ काम कर लिया करो ....
संजना - ओय शुतुरमुर्ग ..उस चिरकुट के लिए कुछ सोच रही मै ....
विहान -( गुस्से मे) ये शुतुरमुर्ग बोलना बन्द करो ठीक है 🙄...
संजना - ठीक ......….........नो नेवर..

( इतना कह कर हंसते हुए वहां से चली जाती है तभी विहान को ऋषभ का कॉल आता है कंपनी आने के लिए .....विहान रेडी होकर .कंपनी के लिए निकल जाता है .......)

इधर अवनी अनंत जी की बाते ही सोच - सोच कर परेशान हो गई होती है ....बार बार खुद से कहती है कि ये उसकी  सबसे बड़ी वाली गलती है ...उसे ऋषभ से प्यार कि उमीद ही नहीं करनी चाहिए.....फिर रूम से निकलकर ...लाइब्रेरी की तरफ जाने लगती है पर रूक कर लेफ्ट साइड वाले कमरे को देखती है  और वहां चली जाती है .......दरवाजा पूरा ही चॉकलेट रंग का होता है जिसपर छोटे - छोटे फूल बने होते है ...अवनी उन फूलो पर हाथ रखती है और उसपर उंगली घुमाने लगती है तो  अचानक से दरवाजा खुल जाता है और वो डर कर पिछे हट जाती है ..........फिर भगवान का नाम लेकर  धीरे - कदमों से कमरे के अंदर जाती है और लाइट ऑन करके देखती की ...सामने टेबल पर गुलाब के फूल पड़े हुए है और गुलाब के प्रिंटेड ही बेडशीट और कर्तैंस लगी हुई है .......सारे रूम में एक अच्छी महक आ रही होती है....जैसे उस कमरे में कोई रहता है ....

वो चारो तरफ रूम मे देखती है और उसकी नजर बेड के पीछे लगी एक बड़ी से फोटो पर अटक जाती है जिसमे एक खूबसूरत सी औरत ने  ग्रीन रंग की साड़ी पहनी हुई है  और उनके हाथ में एक बच्चा और साइड में आदमी भी खड़ा है .......वो हैरानी से फोटो को देखती है और सोचने लगती है कि आखिर ये फोटो है किसकी  .......वो फोटो को करीब से  देखने के लिए आगे बढ़ती है और  पास मे रखे टेबल पर हाथ रखकर देखने लगती है .....तभी उसे महसूस होता है कि उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा हुआ है ......उसकी सांसे तेज हो जाती है ...वो धीरे धीरे करके मुड़ती है और देखती है कि सामने ऋषभ खड़ा है वो भी पूरे गुस्से में ......वो हड़बड़ा जाती है और पीछे हटने लगती है तो टेबल पर रखी एक कप उसके हाथ से नीचे गिर जाता है और टूट जाता है .....अवनी डर कर ऋषभ को देखने लगती है ......कप गिर जाने के वजह से ऋषभ वहीं धड़ाम से बैठ जाता है और कप के टुकड़े को उठाकर देखने लगता है तभी एक टुकड़े से उसका हाथ कट जाता है तो अवनी हड़बड़ा जाती है और उसके पास बैठकर उसका हाथ पकड़ती है .....तो ऋषभ  उसका हाथ झटकार देता है  और उसे गुस्से में देखने लगता है ...........ऋषभ का ये इतना गुस्से वाला रूप देखकर तो वो पूरी तरह से ही डर जाती है और पीछे हटने लगती है तो ऋषभ उसका हाथ कसकर पकड़ लेता है तो वो  कहती है ,

अवनी - ऋषभ जी हाथ छोड़िए ...मुझे दर्द हो रहा है....
ऋषभ - ( गुस्से में ) आपकी हिम्मत कैसे हुई इस कमरे में आने की ......जब मै आपके पास्ट के बारे में आपसे नहीं कुछ पूछता तो फिर आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया .....
अवनी -( शॉक होकर ) क्या ...क्या मतलब पास्ट ...

( ऋषभ कुछ नहीं कहता है और अवनी का हाथ
पकड़कर उसे खींचते हुए उसे लाइब्रेरी मे बन्द कर देता और वहां से चला जाता है ................अंदर अवनी दरवाजे पर  हाथो से बहुत पीटती है , ऋषभ को बुलाती है पर ऋषभ उसकी एक भी नहीं सुनता है ..

.फिर वो धीरे - धीरे लाइब्रेरी के अंदर जाने लगती है तो अंधेरा होने की वजह उसका पैर टेबल से टकरा जाता है जिससे उसकी टांग मे चोट लग जाती है ......वो  लड़खड़ाते हुए प्लग फाइंड करती है और लाइट ऑन करके देखती है कि उसके पैर पर ब्लीडिंग होने की वजह से साड़ी का निचला हिस्सा लाल हो गया होता है .....वो वहीं एक चेयर पर बैठ जाती है और पैरों को सहलाने लगती है और देखती है कि वो कमरा पूरी तरह से किताबो से ही भरा है तभी उसकी नज़र किताबो के आखिरी रो मे जाती है ....वो मुस्कुराती है और कहती है ,

अवनी - अब चाहे आप मुझे इस घर से क्या अपनी लाइफ से भी निकाल दे पर आज जानकर रहूंगी की उस कमरे में लगी फोटो और उस रो मे ऐसा क्या है .....( ऋषभ की फोटो फोन मे गुस्से में देखकर ) ये भी कि डैड क्यों चाहते है कि आप मुझे डाइवोर्स दे ???


( फिर लड़खड़ाते हुए आखिरी रो में पहुंचती है और देखती है कि उधर किताबे नहीं बल्कि बहुत सारी डायरी रखी हुई ही .....वो उसमे से एक डायरी उठाती है जिसपर लिखा होता है - अनंत कश्यप

अवनी ..डायरी उसी जगह रख देती है क्योंकि वो अनंत जी की हर चीज से दूर रहना रहना चाहती थी ....आगे बढ़ती है तो 3-4 और डायरी देखती है जो उसके पूर्वाजो के होते है ......आगे बढ़ते बढ़ते उसकी नजर एक गोल्डन रंग की डायरी पर जाता है . ...वो सभी डायरियो से बिल्कुल अलग और अकेले रखी होती है .....अवनी जाकर उसे डायरी को उठाती है जिसपर लिखा होता है - अनिका 
वो फिर हैरानी से डायरी खोलती है और पहले पन्ने पर पढ़ती है ..

- ये डायरी  ऋषभ कश्यप के नाम 

ये पढ़ते ही उसके हाथ से डायरी छूट कर नीचे गिर जाती है ....वो हड़बड़ा कर डायरी उठाने के लिए झुकती है तो देखती है कि अलमीरा के नीचे डोर नजर आ रहा है ....................


दूसरी तरफ......

विहान को टविंकि का कॉल आता है इतने दिनों बाद  तो वह खुशी से पागल हो जाता है 😍...सारे घर में घूम घुम कर सबको पकड़ कर कहता है ..मै जा रहा हूं डलहौजी 


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सो आप लोगो का हमारा हास्य व्यंग ( हसेरिया ) काफी पसंद आ रहा खैर लवस्टोरी है आगे जाकर हर तरह के इमोशंस से रूबरू करवाऊंगी चाहे वो इमोशनल सीन ( दुखेरिया 😂) हो या एक दूजे के लिए प्यार( लवेरिया😅) वाली फीलिंग्स... 😁 विथ खूब सारा सस्पेंस .........

पार्ट पढ़कर अपने विचार जरुर बताएगा और कुछ दिन तक नही आएगा भाग वो हमारा सेमेस्टर एग्जाम है ।

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6 Comments

Haaye aapka andaj. Haseriya dukhiya sb pasnd a rha. Dekhte next part me kya

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The traveller

10-Mar-2022 10:46 AM

खूबसूरत लेखःन

Reply

Karan

05-Mar-2022 11:49 PM

Nice

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